कछुआ तंत्र धन प्राप्ति साधना

कछुआ तंत्र धन प्राप्ति साधना

कछुआ तंत्र धन प्राप्ति साधना, धन प्राप्ति के लिए सही दिशा में प्रभावकारी परिश्रम की जरूरत होती है, परंतु कई बार आपके रात-दिन की कड़ी मेहनत भी रंग नहीं दिखा पाती।  जरूरतों के मुताबिक धनागमन नहीं हो पाता है, या फिर आपका पैसा अटका होने से कर्ज में डूबे रहते हैं।

इसका कारण धन की देवी का रूष्ट होना हैं। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दीपावली के अवसर पर कई तरह के वैदिक अनुष्ठान से लेकर टोना-टोटका, तांत्रिक साधनाएं और मंत्र जाप आदि के उपाए बताए गए हैं। इन्हीं में फेंगशुई, ज्योतिषीय और वास्तु शास्त्र के उपाय भी हैं।

कछुआ तंत्र धन प्राप्ति साधना
कछुआ तंत्र धन प्राप्ति साधना

जबकि कछुआ के नाखूनों, पैर, गर्दन और दांत के साथ की जाने वाली तंत्र साधनाएं धन प्राप्ति के लिए अचूक साबित होती हैं, जो धनतेरस के दिन से दीपावली की रात्री तक किए जाते हैं। तांत्रिक के अनुसार कछुए के उन अंगों को धन रखने की जगह रखने से समृद्धि आती है। आठ, 12, 18 और 20 नाखून वाले कछुए से तांत्रिक साधना को महत्वपूर्ण माना गया है। इनमें 20 नख वाला कछुआ दैवीय शक्ति का प्रतीक माना गया है।

कुबेर गायत्री शाबर मंत्रः छिपा हुआ धन हासिल करने या फिर कर्ज से मुक्ति के लिए कुबेर गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। इस साधना के लिए मृत कछुए के दांत का उपयोग किया जाता है। उसे  चांदी के ताबीज में डालकर पहनें। तांत्रिक के बताए गए तंत्र-साधना को विधि-विधान से करें।

हवन सामग्री से निम्नलिखित मंत्र का 108 बार आहूति दें। ध्यान रहे हवन सामग्री में कमलगट्टा होना जरूरी है। हवन कार्य संपन्न होने पर उसकी भभूत को चांदी की ताबीज में डाल दें और पहन लें। इस तरह से सिद्ध ताबीज को पहने रहें और प्रतिदिन मंत्र का 11 बार जाप प्रातः पूजा-पाठ के दौरान अवश्य करें। जाप किया जाने वाला मंत्र इस प्रकार हैः-

ऊँ सोहम आकाश डिब्बी पाताल काटी, धरती का चूल्हा करूं आकाश को ड़ाया!

नवनाथ सिद्ध होने बैठकर भंडार किया ,चढ़े डिब्बे उतरे ऋद्धि-सिद्धि!

काली-पीली सिर जटा माई पार्वती का उपदेश, शिव मुख आवे शक्ति मुख जावे!

शिव मुख जावे हाथ खड़क तूतन की माला, जाप जपे श्री सूर्या वाला!

ऋद्धि पूरे हर घृत पुरे गणेश, अलील पुरे ब्रह्मा माया पूरे महाकाली!

हीरा पूरे हिंगलाज नवखंड में जोत जगाई, ऋद्धि लावो भंडारी माई!

ऋद्धि खुटे सदाशिव का जड़ाव टुटे, ऋद्धि खुटे माता सीता सतवंती का सत्य छुटे!

ऋद्धि खूटे माता पार्वती का कंगन टूटे, ऋद्धि खुटे मान धन का मान टूटे!

चंद्र सूर्य देव लाखी इतना कुबेर भंडार गायत्री जाप संपूर्ण भया! 

धन-संपदाः घर धन-संपदा से भरा रहे और घर बगैर किसी ताड़-फोड़ के वास्तुदोष से मुक्त हो जाए, उसके लिए समद्री कछुआ की प्रतिमा बहुत ही उपयोगी होता है। घर के पूजा स्थल पर भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति के पास कछुए की छोटी प्रतिम रखें।

इसकी कागज पर तस्वीर बनाकर भी रख सकते हैं। कछुए के नीचे नौ बार नौ अंक लिख दें। तुलसी की जुड़ी पत्तियां कछुए पर रखें और भगवान को पीले फल और वस्त्र चढ़ाएं। आरती के बाद प्रसाद लोगों को बांट दें और कछुए को आलमारी में छिपाकर रख दें। इससे घन-संपदा में कमी नहीं आती है।

घर का वस्तुदोषः यदि घर का वास्तु दोष ठीक हो तो पैसे की कमी भी दूर हो जाती है। रूका हुआ पैसा मिलने लगता है और कारोबार में भी उन्नति होती है। यदि आपका घर का कोई दरवाजा, रसोई या बाथरूम सही जगह नहीं हो, तो उसे तोड़ने के बजाय उनपर कछुए का निशान बना देने से वास्तु दोष  ठीक किया जा सकता है।

कछुए का चित्र इस तरह बनाएं जिसका मुख नीचे जमीन की ओर हो और पूंछ ऊपर की ओर दिखे। इसे शाम को गोधुली की बेला में कछुए के रंग या फिर रक्त चंदन, कुमकुम या केसर से बनाएं। बनाने के बाद ओम कूर्मासनाय नमः का उच्चारण भी करते रहें। कछुए को धूप दीप दिखाकर उसपर गंगाजल का छिड़काव करें।  इसके अतिरिक्त एक अन्य मंत्र ओम ह्रीं कूर्माय वास्तु पुरुषाय स्वाहाः!! का नित्य प्रातः पूजा के समय भी करें।

अन्य उपाय

सनातन धर्म के अनुसार कछुए को शुभ माना गया है। ऐसी मान्यता सदियों से चली आ रही है कि घर में कछुआ रखने से आर्थिक उन्नति होती है और घर सकारात्मक ऊर्जा से संचारित रहता है। इससे घर के सदस्यों की सेहत अच्छी रहती है और सुखद माहौल बना रहता है। सैंकड़ों सालों तक जीवित रहने वाला कछुआ की कृपा दृष्टि परिवार के कई पीढ़ियों पर बनी रहती है।

एक जमाने में यह घर का एक पालतु जीव हुआ करता था, लेकिन इसकी दुर्लभता के कारण कुछ पाबंदियों के चलते अब इसकी जगह धातु या स्फटिक के छोटे-छोटे कछुए ने ली है। आइए जानते हैं इससे संबंधित कुछ विशेष बातें।

  • धन प्राप्ति के सूचक कछुए से धन संबंधी परेशानी को दूर किया जा सकता है। इसके लिए वास्तु और फेंगशुई के अनुसार कार्यस्थल या तिजोरी में पर क्रिस्टल कछुए को रखना चाहिए।
  • ज्योतिष के अनुसार आर्थिक परेशानी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों के अशुभ प्रभाव के कारण आती है। क्रिस्टल या धातु का कछुआ इसे दूर कर देता है और समास्याओं से ग्रसित अस्त-व्यस्त जीवनशैली को दुरूस्त बना देता है।
  • कछुए को किसी भी शुभ दिन घर में रखा जा सकता है, लेकिन गुरुवार का दिन सबसे श्रेष्ठ दिन माना गया है। कारण को भगवान विष्णु के एक अवतारों में से एक अवतार कछुआ का भी था। गुरुवार भगवान विष्णु का दिन होता है। इस कारण इस दिन उत्तर दिशा की ओर मुंह कर घर या आफिस में कछुआ रखने से दुगुने परिणाम मिलते हैं।
  • यदि जन्म कुंडली के अनुसार चंद्रमा अशुभ प्रभाव दे रहा हो तब कछुआ के लिए आटे की गोलियां बनाकर उसके पाए जाने वाले नदी या तालाब में डालें।
  • कछुए को किसी कांच की कटोरी में रखें और उसमें थोड़ा पानी डाल दें। मुंह घर के अंदर की ओर होना चाहिए। इसके विभिन्न आकार-प्रकार और रंग पर भी ध्यान देना चाहिए।
  • यदि आप कोई नया कारोबार शुरू किया है या नई दुकान खोली है तो चांदी का कछुआ रखना अच्छा होता है। इनसे किसी की बुरी नजर नहीं लगती है।
  • शांत और मंदगति से चलने वाले कछुए के प्रतीक को हमेशा ड्राइंग रूम में रखें और इसे कभी भी बेडरूम में नहीं रखें।
  • घर की शोभा बढ़ाने के लिए कभी भी दो कछुआ एक साथ नहीं रखना चाहिए।

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