जल्दी प्रेग्नेंट होने के ज्योतिष उपाय

जल्दी प्रेग्नेंट होने के ज्योतिष उपाय

जल्दी प्रेग्नेंट होने के ज्योतिष उपाय, नवविवाहिता के दांपत्य जीवन में कई सुखद मौके आते हैं। उनपर खुशियों की बरसात होती रहती है। इस दौरान पति-पत्नी भविष्य की रूपरेखा बनाते हैं।

जीवन में तरक्की के सपने बुनते हैं। इन्हीं में सर्वाधिक सुखद अहसास देने वाला एक सपना संतान का भी होता है। परिवार में सभी बड़े-बुजुर्गों से दूधो नहाओ पूतो-फलो का आशीर्वाद मिलता रहता है।

उनसे सभी की स्वस्थ और श्रेष्ठ संतान के जन्म की उम्मीद रहती है। यह किसी भी विवाहिता के लिए तभी संभव है जब वह समय रहते गर्भवती हो जाए। कई औरतें ऐसा नहीं होने पर चिंतित हो जाती हैं।

जल्दी प्रेग्नेंट होने के ज्योतिष उपाय
जल्दी प्रेग्नेंट होने के ज्योतिष उपाय

कुछ संतान प्राप्ति के उपाय तलाशने लगते हैं तो कुछ देवी-देवताओं से इसकी मन्नतें मांगते हैं। डाक्टरी इलाज भी करवाते हैं, लेकिन संतानहीनता की बाधा बनी रहती है। ऐसे में उन्हें ज्योतीष के उपाय को भी आजमाना चाहिए। ज्योतिष विद्या में शीघ्र प्रेग्नेंट होने के कई उपाए बताए गए हैं।

पितृदोष दूर करें

ज्योतिष के अनुसार नवविवाहिता के शीघ्र गर्भवती नहीं होने का एक बड़ा कारण उसकी या उसके पति की जन्मकुंडली में पितृदोष का होना है। इसकी जानकारी ग्रहों की विशेष स्थिति के विश्लेषण से मालूम होती है।

ज्योतिषीय सिद्धांतों के अनुसार कुंडली का पंचम स्थान संतान का होता है। यहां सूर्य और राहु के एक साथ आ जाने से पितृदोष का पता चलता है। इसी तरह से नवम स्थान धर्म में सूर्य और राहु की युति भी पितृदोष का कारण है।

यानी की राहू और केतू के साथ सूर्य के आ जाने से पे्रग्नेंट होने के लिए शुभ-अशुभ की स्थिति बन जाती है। इसका असर दंपति के रहन-सहन पर पड़ता है। उनके बीच दूरी बनने की परिस्थितियां बन जाती हैं।

पति-पत्नी व्यक्तिगत परेशानियांे से घिर जाते हैं। कई बार पत्नी के सामने गर्भपात की समस्या तक आ जाती है। पितृदोष का पता चल जाने पर इससे मुक्ति के निम्नलिखित उपाय किए जाने चाहिए।

  • पितृदोष ग्रसित विवाहित स्त्री या उसके पति को चाहिए कि वह सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की जड़ में एक जनेउ भगवान विष्णु के नाम से रख दें। उसके बाद ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते हएु पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करें। प्रत्येक परिक्रमा के साथ जनेउ के पास एक-एक मिठाई का टुकड़ा रखते जाएं। परिक्रम पूरी हो जाने के बाद पीपल के वृक्ष और विष्णु भगवान से क्षमा प्रार्थना करें।
  • श्रावण के महीने में बरगद का वृक्ष लगाएं और प्रतिदिन उसमें एक लोटा जल डालें।
  • प्रतिदिन शिवलिंग पर तीन या पांच बेलपत्र चढ़ाएं जल डालें।
  • सात सोमवार को जरूरतमंदों को अन्न और वस्त्र दान करें और परिवार के बुजुर्गों की सेवा करें। साथ ही वृद्धाश्रम में यथाशक्ति सामान दान करें।
  • सोमवार का व्रत करें और रूद्राअष्टक का नियमित पाठ करें।
  • श्राद्धपक्ष में पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान करें।
  • दुर्गा सप्तशती में बताए गए देवी कालिका स्तोत्र का पाठ करें।

कुछ उपायः संतान प्राप्ति के लिए उपयुक्त समय पर गर्भधारण नहीं होने में कुछ ग्रह भी बाधक बनते हैं।  उन्हें प्रसन्न करने कुछ तरीके इस प्रकार हो सकते हैंः-

  • बाधक सूर्यः गर्भाधारण में सूर्य ग्रह के बाधक होने की स्थिति में सात मंगलवार या शनिवार को हनुमान जी के मंदिर जाएं। उनकी मूर्ति पर चोल चढाएं और चने का भोग लगाएं। उसी स्थान पर बैठकर हनुमान चालिसा का पाठ करें और बंदरों को फल भी खिलाएं।
  • बाधक चंद्रमाः ज्योतिष के अनुसार अगर संतान प्राप्ति में चंदमा बाधक बने तो अपने बेडरूम में पलंग के नीचे तांबे की एक प्लेट रखने का टोटका करें। बारिश का पानी बोतल में भरकर रख दें।
  • बाधक मंगलः गर्भधारण या गर्भावस्था के दौरान अगर मंगल बाधक बन रहा हो तो वह स्त्री मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जाए। उनके पैरों में नमक स्पर्श करवाएं और उसे एक पुड़िया बनाकर अपने कमर में बांध ले। एक अन्य टोटका बेडरूम में बेड के सभी पायों में तांबे की कील ठोकने का भी किया जा सकता है।
  • बुध की बाधाः गर्भधारण में विलंब होने की वजह बुध ग्रह हो सकते हैं। ज्योतिष द्वारा इसकी जानकारी होने पर माह के चतुर्थी के दिन कम से कम 20 ग्राम चांदी खरीदें और उसे आभूषण के रूप में धारण करें।
  • गुरु की बाधाः संतान प्राप्ति के लिए गुरु का शुभ होना बहुत ही अच्छा माना जाता है। इस ग्रह को अपने अनुकूल बनाने के लिए गुरूवार के दिन प्रातः स्नान के बाद मंदिर जाएं। केसर के साथ चंदन को मिलाकर तिलक करें। हल्दी की एक गांठ, पीला चन्दन मंदिर में दान करें।
  • शुक्र भी बाधकः जन्म कुंडली के अनुसार अगर संतान प्राप्ति में शुक्र की अड़चन का पता चले तो प्रातः स्नान आदि के बाद सफेद कपडे़ में चन्दन, इत्र, दही एवं सुगंधित सफेद फूल रखें। उसे लेकर भगवान कृष्ण के मंदिर में जाएं। विधिवत पूजा करें। उस सामग्री को अर्पित कर दें। ऐसा शुक्रवार से शुरू कर एक सप्ताह तक लगातार करें। मंदिर जाने से पहले जल में दूध डालकर स्नान करंे।
  • बाधक शनिः इस ग्रह की बाधा को नियम पालन, सच की राह, परिश्रम और टोने-टोटके से दूर किया जा सकता है। शनिवार के दिन शाम को सरसों तेल का दीपक जलाएं। काले तिल को जमीन में गाड़ दें। लोहे की कील, चाकू, शनि मंदिर में रख दें। जल्द गर्भधारण के लिए एक दूसरा टोटका बादाम से करें। उसके 100 ग्राम की मात्रा को शनि मंदिर में चढ़ाएं। उसमें से गिनती के पांच बादाम घर में ले आएं। अगले शनिवार को उन्हें नदी में प्रवाहित कर दें।
  • राहू का असरः संतान में देरी राहू के बुरे असर के कारण भी होती है। इसे बेअसर करने के लिए अपने पास चांदी के एक वर्ग इंच का चैकोर पतरा लाल कपड़े में लपेटकर पूज स्थल पर रख दें। लोहे की एक अंगूठी भी दाएं हाथ के बीच वाली उंगली में पहनें।
  • केतुः इस ग्रह को कमजोर बनाने के लिए बुधवार के दिल गरीब व्यक्ति को बिछावन और कम्बल का दान करें।

गोपाल मंत्र

गर्भधारण के लिए खास दिन का सुनिश्चत किया जाना जंरूरी है, जो माहवारी के बाद 15 दिनों के दरम्यान आता है।

साथ ही नीचे दिए गए गोपाल मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप अवश्य करें। मंत्र- ऊँ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः!! 

संतान प्राप्ति के लिए उपाय

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