पति का दिल कैसे जीते

पति का दिल कैसे जीते

वैवाहिक जीवन एक बड़ा ही सामाजिक और सहज रूप से सुन्दर स्वप्न होता है। वैवाहिक जीवन में लोग एक दूसरे के ख़यालों का ख़याल रखते हैं, एक दूसरे की ज़रूरतें पूरी करते हैं एवं पूर्ण रूप से बंधन में एक होकर एक सुखद परिवार का परिवर्तन लाते हैं। पति को एक उच्च स्थान दिया जाता है, जबकि पत्नी को ग्रहणी का स्थान दिया जाता है। एक पवित्र बंधन से उत्पन्न संतानों को पुत्र एवं पुत्री का दर्जा मिलता है। जो लोग यह मान के चलते हैं की विवाह करना एक बुरी प्रवृत्ति है वे असल में बचपने में बात कह रहे होते हैं, शास्त्रों तक में लिखा है की विवाह करना एक पुण्य होता है।

पति का दिल कैसे जीते
पति का दिल कैसे जीते

लेकिन जब लोग प्रेम के बंधन में बंध जाते हैं तब आखिर किस तरह यह पवित्र रिश्ता निभाना चाहिए? इस पर तो हज़ारों पिक्चरें बन चुकी हैं। प्रेम विवाह कोई नयी प्रथा नहीं है, वैदिक काल से यह एक रीती मानी गयी है, बाद में यह प्रथा दब गयी है। और हाँ समय के साथ प्रेम विवाह ही नहीं प्रेम दब गया है।  पहले प्रेम विवाह ख़राब बना और अब तो प्रेम ही एक बुरी बात मानी जा रही है।  यह क्या एक सकारात्मक संकेत है? क्या यह आशा प्रदान करता है?

दूरियों को मिटायें

सबसे प्रथम रूप में आपको अपने और अपने पति के बीच की दूरियों को समेटना पड़ेगा। जब हम एक साथ रहते हैं और व्याहारिक जीवन व्यतीत करना शुरू कर देते हैं, तब कई बार ऐसा होता है की निश्चित दिनचर्या हमारे जीवन में राग को तोड़ कर क्लेश रूप धारण कर डालती है। लोग आपसी विभाजित गुट और दलों में बंटने लगते हैं, रोज़ की भाग-दौड़ में हताश हो जाते हैं, कभी-कभी उत्पीड़ित हो शूल एवं अति-तीव्र कदम भी उठा लेते हैं जैसे शराब और तम्बाकू का सेवन आदि।

इन सबके होने के बावजूद लोग आपसी दूरियां मिटा सकते हैं, आपको अपने जीवन में अंडरस्टैंडिंग, चेतना की बढ़ोत्तरी और जन-जीवन के प्रति विवेक की ज़रुरत होगी। जब ये सब प्राप्त होगा तो आप एक अत्यंत स्वस्थ और सशक्त जीवन जी पाएंगे। दूरियां चंद मिनटों में बनती हैं और सालों तक खींची-तानी जा सकती हैं, ऐसे में अगर कोई अपने जीवन को सदगुण से संपन्न प्राप्त करने की कोशिश नहीं करता तो रिश्ते जोखिम में आ जाते हैं।

रिश्तों में मिठास रखना है तो आपको यहूदी कहावत याद रखनी चाहिए की मुंह में चीनी रखने से बात मीठी नहीं हो जाती। इसी प्रकार आपको भी जटिल प्रयत्न से लेकर थोड़े बहुत प्रयत्न तक करने पड़ेंगे, फिर आप अपने दृण निश्चय से रिश्ते अपनी मनचाही मोड़ पर समेत सकेंगे।

रिश्ते में नयापन डालें

पति के अफेयर को जानने का सबसे सटीक उपाय है की नयी चीज़ें करके आप उनसे पूछें की यह पहले किया है की नहीं ? क्यूंकि अंग्रेजी में एक कहावत है की प्यार में सब कुछ याद रहता है। इसीलिए अगर वह आपको सचमुच अभी भी गर्मजोशी और ज़िंदादिली से प्यार करते हैं तो वे आपको इसका उत्तर सही दे पाएंगे, अन्यथा वे आपको जवाब में कोई उपयुक्त विधि बताएँगे जिस कारण वे नहीं बता पा रहे।

जब आप धीरे धीरे अपने दृण निश्चय की इस्तेमाल से अपने आपको अपने पति के सामने बिना किसी कारण या शर्म की प्रस्तुत कर पाएंगे, जब आप रिश्ते के नीव और बुनियाद को बिना परखे या टटोले उसकी बुलन्दगी को संभल लेंगे तब आप एक अत्यंत सुखद और आनंदमय जीवन की ओर बढ़ रहे होंगे।

रिश्ते में कभी भी टकराव हो सकता है, रिश्ते बहुत नाज़ुक प्रकृति के होते हैं, इसलिए इनमें डील करते वक़्त कभी भी उलझना नहीं चाहिए, कभी भी परेशान होकर रोना या शोषण का शिकार नहीं होने देना चाहिए।

सत्य हमेशा यह है की आप एक कोनसेंटिंग एडल्ट यानी एक मर्यादावादी महिला हैं जो स्वतंत्र हैं, आप आज के प्रगतिशील समाज में अपनी पहचान एवं जरिया खुद बना सकती हैं, लेकिन आप इस रिशते में घुल मिल कर एक हँसता-खेलता परिवार बनाना चाहती हैं, आप एक घर का मान और मर्यादा हैं।

उत्तम बूटी है प्यार

इन सब माजरों में सबसे उत्तम बूटी है इश्क़ और प्रेम की। प्रेम में इंसान कुछ नहीं जो प्राप्त नहीं कर सकता, प्रेम इंसान को पूरा कर देता है। संगिनी के साथ समय व्यतीत करने में जो सुख है वह आजकल के आधुनिक अविष्कार भी नहीं रेप्लस कर पाए हैं।

यहाँ तक की २००० साल के पक्के लिखित इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ के प्यार, इश्क़ और मोहब्बत से बढ़ कर कोई और स्पंदन ने मनुष्य जीवन को और सांवरा या सजाया हो – फिर वह चाहे दैवीय इश्क़ हो जिसमें भगवन के प्रति प्रीती का निवास हृदय में आ जाता है, या फिर आसुरिक इश्क़ हो जिसमें भगवन के प्रति प्रीती का निवास छोड़ मनुष्य किसी चीज़ या वास्तु के पीछे भाग उठता है।

जब पति आप पर ध्यान नहीं देता कि क्या करना है? कैसे पता चला है कि पति चक्कर चल रहा है ?

इसका सीधा जवाब देने से पहले सवाल को फिर से सही ढंग से लिख दें तो अच्छा है – शक की बीमारी का इलाज क्या है? असल में लोग इतने मूर्ख होते हैं की वे सही समय पर अपने दिमाग पर ब्रेक नहीं लगा देते।

अगर आप आलतू-फालतू के सवाल पूछ रहे हैं और उनसे जूझ रहे हैं तो फिर आपको अपने आस पास पहले तो अच्छे से सफाई करनी चाहिए – डस्टिंग, क्लीनिंग, गिलास क्लीनिगण, बाथरूम क्लीनिंग आदि। फिर आप कहीं दूर सैर के लिए निकल जाएं, जहाँ आप किसी को जानते नहीं हो, आप पाएंगे की ऐसी परिस्थिति में आप ज़्यादा ढंग से और ज़्यादा फोकस करके सोच पा रहे हैं।

सार

आखिर में यह कहना गलत होगा की साड़ी चिंताएं वेहम होती हैं – बहुत सी कंक्रीट होती हैं, पर आप उनपर अमल करके और ज़्यादा ही फंसते जायेंगे यह एक जीवन का सत्य है, इसलिए अगर आप अपने पति के बारे में ऐसा कुछ जानते हैं तो अकल से काम लें, धैर्य को भी आगे रखें और उनका दिल जीतने के अनेक उपाय जो सिर्फ आप ही जान सकते है लगाएं। आपका काम ऐसे ही बन जायेगा, श्री कृष्ण की पूजा करें और प्रेम रस को समझें, उसके दैविक गुणों को अपनाते जाएं और मानव रूप को समय के साथ छोड़ते जाएं।

 

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