संतान प्राप्ति के लिए उपाय
संतान प्राप्ति के लिए उपाय, संतान प्राप्ति के टोटके/मंत्र, संतान प्राप्ति के योग- शादी-विवाह के बाद इंसान की ज़िंदगी और परिवार मे किसिकी सबसे ज्यादा कमी महसूस होती है वो है बच्चे की। एक बच्चा ही परिवार को सही रूप मे परिभाषित कर सकता है। लेकिन आज बहुत से एक दंपति है जोकि इसके अभाव मे जी रहे है। तमाम उपाय व डॉक्टर के पास कई बार चक्कर लगाकर भी उन्हे संतान सुख नहीं मिल पता। ऐसे मे अब आपको इसी समस्या को दूर करने व मनचाही संतान को पाने के उपाय बताएँगे।
तो सबसे पहले हम आपको संतान प्राप्ति के लिए गर्भधारण के संबंध मे उचित समय के बारे मे बताते है। ऐसा माना गया है की यदि कोई दंपति पुत्री पाने की कामना रखता है तो उन्हे ॠतुकाल की 5, 7, 9 या 15वी रात में से किसी एक रात का चयन कर लेना चाहिए, जिसे की शुभ समकाल समझा जाता है। इसी प्रकार वो दंपति जोकि पुत्र पाने की कामना रखते है वो ॠतुकाल की 8, 10, 12, 14 या 16वी रात मे से किसी एक रात को चुनकर उस समय समागम करना चाहिए। ऊपर बताए गए समय के अलावा जिन दूसरे दिनों का आपको ध्यान मे रखना होता है जोकि है: पूर्णिमा, अमावस्या, जन्माष्टमी, प्रतिपदा, अष्टमी, चतुर्दशी, एकादशी, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण, रामनवमी, ऊत्तरायण, शिवरात्रि, होली, नवरात्रि जैसे दिन व त्योहार। ऐसा माना गया है कि संतान प्राप्ति के लिए इन दिनों को निषेद माना गया है। तो इसका भी खास ध्यान रखना होता है। दूसरी निषिद्ध बाते जो है वो ये कि दंपति को माता-पिता की मृत्यु के दिन, स्वयं की जन्मतिथि, दो नक्षत्रों के बीच के समय जैसे नक्षत्रों में समागम नहीं करना चाहिए।
इसके अलावा पति-पत्नी कुछ अन्य उपाय व टोटके वागेरा भी इस्तेमाल कर सकते है। उपाय है कि पति-पत्नी दोनों लड्डू गोपाल की एक मूर्ति घर ले आए और उसे एक पालने में रखकर नए कपड़े पहना दे व धूपादि के साथ-साथ एक ऋतु फल, अंजीर व दही अर्पित कर दे। दंपति को उस दिन अपवास रखना चाहिए। इसके बाद हर दिन इस प्रकार का भोग लगाकर प्रसाद लेने के बाद ही खाना खाये। पति-पत्नी बताए गए उपाय को जन्माष्टमी के दिन से शुरू कर सकते है। पति-पत्नी संतान प्राप्ति के लिए एक बेहद सरल उपाय ये कर सकते है कि दोनों रामेश्वरम् की यात्रा कर आए तथा वहां सर्प-पूजन करवा ले। माना गया है कि ऐसा करके संतान-दोष खतम हो जाता है।
आम तौर पर देखा गया है कि बहुत सी महिलाओं की संतान गर्भ में ही समाप्त हो जाती है। ऐसी महिलाओ के लिए एक उपाय ये है कि वो मंगलवार के दिन इक्कीस पान के पते लाएं, फिर उन पर सिंदूर से राम का नाम लिख दे और फिर उन्हें हनुमान जी के मंदिर मे लेजाकर, एक लाल रंग के कपड़े मं बांध लें। फिर उसे बहते पानी में प्रवाहित करें दे या फिर किसी पीपल के पेढ पर चढा आए। इस उपाय को करके दंपति को संतान सुख प्राप्त हो सकेगा। यदि पत्नी मे किसी प्रकार की कमी की वजह से संतान होने मे समस्या आ रही है तो ऐसा माना गया है कि उस स्त्री को लाल गाय व बछड़े की सेवा करनी चाहिए व लाल या भूरा कुत्ते को पालना भी अच्छा रहता है।
संतान प्राप्ति के लिए विवाहित स्त्री को चाहिए की वो शुक्रवार के दिन मदार की जड़ को उखाड़ लें और उसे अपनी कमर में बांध ले। ऐसा करके उसके गर्भवती होने की संभावना बनती है। यदि गर्भपात की वजह से कोई स्त्री संतान प्राप्त करने मे असफल रहती है तो ऐसे मामलों मे स्त्री ये उपाय करके देख सकती है कि शुक्रवार के दिन एक गोमती चक्र को लेकर उसे लाल रंग के वस्त्र में सिल ले और उसे अपनी कमर पर बांध ले। ऐसा करने से गर्भपात नहीं होत। इसके अलावा निसंतान स्त्री हर दिन पीपल के पेड़ के पास जाकर दीपक जलाए व पीपल की परिक्रमा करते हुए संतान प्राप्ति के लिए प्रथना करे। याद रहे इसमे आप सिर्फ रविवार के दिन को छोड़ सकते है। यानि रविवार के दिन छोड़कर बाकी दिन इस प्रक्रिया को कर सकते है।
संतान प्राप्त करने के लिए एक ऐसा उपाय भी है जिसे निसंतान दंपति शुक्लपक्ष मे कर सकते है। इसको करने के लिए जरूरी है कि बरगद के पत्ते को साफ करके उसके ऊपर कुमकुम से स्वस्तिक का चिन्ह बना लिया जाये, फिर उसपर थोड़े चावल और एक सुपारी को रखकर, सूरज के ढलने से पहले मंदिर मे चड़ा आए व भगवान से संतान प्राप्ति की प्राथना करे। उम्मीद है ऊपर बताए तमाम उपाय व टोटके उन लोगों के जरूर काम आएंगे, जो संतान पाने के लिए हर तरीका अपना चुके है, पर फिर भी निराश है।