कार्य सिद्धि मंत्र

कार्य सिद्धि मंत्र

कार्य सिद्धि मंत्र: कर्म की प्रधानता वाले परिवार और समाज में कई बार कामकाज के दरम्यान कुछ बाधाएं आ जाती हैं। व्यक्ति ऐसा महसूस करता है, जैसे उसका किया गया मेहनत बेकार चला गया हो, या फिर मनोवांछित कार्य की सफलता की राह में अड़चनों का अंबार लगा हो। निराशा तब बढ़ जाती है, जब सोचे गए कार्य समय रहते पूरे नहीं हो पाते या फिर सफलता की उम्मीद काफी क्षीण हो जाती है और भरी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसा प्रतीत होता है किसी ने घर-परिवार या कारोबार को तंत्र-मंत्र की अदृश्य शक्ति से बांध दिया हो। ऐसी स्थिति में ज्योतिष, तंत्र-मंत्र और देवी-देवता की सिद्धि-साधना का सहारा लेना जरूरी हो जाता है। यानि कार्य सिद्धि के लिए कुछ उपाय कर इसमें गतिशीलता जागृत की जा सकती है। इस संबंध में धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भागवान शिव की आराधना करने के लिए सर्वाधिक प्रचलित सर्व कार्य सिद्धि मंत्र इस प्रकार हैः-

कार्य सिद्धि मंत्र
कार्य सिद्धि मंत्र

मंत्रः शिवः शक्त्या युक्तों यदि भवति शक्तः प्रभवितुः।

न चेदेवं देवो न खलु कुशलः तुमपि।।

अवत्स्त्वा मारध्यम हरिहर विरमचादि भिरपि।

प्रणन्तुम स्त्रोतमुवा कथमकृत पुण्यः।।

यह सभी तरह के कार्य की सफलता के लिए लिए उपयुक्त मंत्र है, जिनसे व्यक्तिगत, घरेलू, पारिवारिक और सगे-संबंधियों के हित की कामना की जा सकती है। इसके साथ ही अलग-अलग कार्यों की सिद्धि के लिए भी यहां कुछ विशेष मंत्र उपाय सहित दिए जा रहे हैं।

कार्य सिद्धि के गणेश मंत्रः भगवान गणेश के कार्य सिद्धि मंत्र में अद्भुत शक्ति है। इससे जीवन को सुखी और शांतिमय बनाया जा सकता है। इसे हर व्यक्ति कर सकता है। इस मंत्र के जाप के बारे में विशेष बात यह है कि इसके लिए किस भी तरह का विधि-विधान नहीं किया जाता है। सामान्य दिनचर्या के बाद प्रतिदिन प्रातः श्रीगणेश की प्रतिमा या तस्वीर के सामने पूरब या उत्तर की ओर मुंह कर आसन पर बैठ जाएं और आत्मविश्वास के साथ कार्य सिद्धि मंत्र का 108 बार जाप करें।

मंत्रः ऊँ नमो सिद्ध विनायकाय सर्वकार्य कर्तरे

सर्व विध्र प्रशमनाय-सर्वराजवश्य करणाय,

सर्वजन सर्व स्त्री पुरुषाकार्षणाय श्री ऊँ स्वाहा!!

हनुमान मंत्र से कार्य सिद्धिः वैसे तो भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को किया जाता है। हनुमानजी का ध्यानकर पूरब की दिशा में बैठकर दिए गए मंत्र का जाप करने से मनोवांछित कार्य की सिद्धि होती है। तांबे के बर्तन में शुद्ध जल लेकर 108 बार मंत्र का जाप करें। इसके अतिरिक्त हनुमत सहस्त्रनाम के 108 या 1008 बार जाप करने से यदि घर में खुशहाली आती है, तो विकट रोगों से मुक्तिी भी मिलती है।

मंत्रः दीननुबंधि मेधानि, प्रमाकब्धे रामवल्लभ।

यद्येवं मारूते वीरा, मेकभिष्टं देहि सश्रवरं।

ऊँ हनुमते नमः

सर्व कार्य सिद्धि के शाबर मंत्रः मां काली की आराधना करते हुए सर्वकार्य सिद्धि के शाबर मंत्र का विधि-विधान के साथ जाप करने से मनोकामना पूर्ण होती है। मां भगवति कालिका का मंत्र बंगला भाषा में है, जिसे तीन बार जाप कर दाएं हाथ पर फूंक मारना चाहिए। मंत्र हैः-

काली घटे काली मां, पति-पावनी काली मां,

 जवा फूले-स्थुरी जले।

 सईं जवा फूल में सीआ बेड़ाए। देवरी अनुर्बले।

एही होत करविजा हाइबे।

तही काली धर्मेर। बले काहार आज्ञे राठे।

कालिका चण्डीर आसे।  

नौकरी में सफलता का मंत्रः ज्योतिषों और कर्मकांड के विद्वानों का मानना है कि भाग्योदय के बगैर कर्म भी सकारात्मक परिणाम नहीं दे पाता है। यदि आप नौकरी में सफलता पाना चाहते हैं या इसके लिए प्रतियोगिता परीक्षा व इंटरव्यू के लिए प्रयत्नशील हैं, तो नीचे दिए गए मंत्र का विधिवत 11 दिनों तक जाप अवश्य करें। मंत्र हैः- ऊँ ह्रीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि करि करि फट स्वाहा!

इस मंत्र का जाप दिन में पूर्व दिशा की ओर मुंह कर किसी भी समय प्रतिदिन 21 बार स्फटिक की माला से किया जाता है। जाप से पहले माला का पूजन अगरबत्ती और धूप-दीप से करना चाहिए। इसके साथ ही साक्षात्कार में इस माला के शर्ट के नीचे पहन कर जाएं।

मनचाहा कार्यः निम्नलिखित शाबर मंत्र को अगर ग्रहण काल में 21 माला का विधि-विधान से जाप किया जाए तो मनोवांछित परिणाम हासिल हो सकते हैं। इसके लिए कुछ विशेष तैयारियों के तौर पर पहले चार छोटी-छोटी गु़िड़या बना लें। उसके बाद लोबान जलाकर 108 बार मंत्र का जाप करें। इसी मंत्र से गुड़िया को अभिमंत्रित करने के बाद उन्हें चार अलग-अलग कोने में दबा दें। उसके बाद कंबल के आसान पर बैठकर 108 बार मंत्र का जाप करने सारे अमंगल को दूर करने की ईष्टदेव से विनती करें। साथ ही अपने मन सोचे गए कार्य के पूरे होने की मन्नत मांगें। कुछ दिनों में ही इसका असर दिखना शुरू हो जाएगा।

मंत्रः ऊँ नमो सात समुद्र के बीच शिला, जिस पर सुलेमान पैगंबरबर बैठे।

सुलेमान पैगंबर के चार मुवक्किल, पूर्व को धाया देव दानवों को बंाधी लाया।

दूसरा मुवक्किल पश्चिम को धाया, भूत-प्रेत को बांधी लाया।

तीसरा मुवक्किल उत्तर को धाया, अयुत पितृ को बांधी लाया।

चैथा मुवक्किल दक्षिण को धाया, डाकिनी शाकिनी को पकड़ी लाया।

चार मुवक्किल चहुं दिशि धावें, छलछिद्र कोऊ रहन न पावे।

शब्द सांचा, पिंड कांचा।

कुछ सरल उपायः जीवन में आगे बढ़ने के लिए किए जाने वाले कार्यों में आने वाली बाधा को दूर करने या कार्य सि़िद्ध के लिए कुछ सामान्य उपाय या टोटके  इस प्रकार किए जाने से सफलता सुनिश्चित हो जाती है।

  • हनुमान को भोगः गुड़ के एक छोटे से ढेले पर चमेली का तेल लगा दें या फिर थोड़े से गुड़ में तेल को मिला दें। उसके बाद उसे पास के किसी मंदिर में भगवान हनुमानजी को अर्पित करते हुए मन में इच्छित कार्य के पूरे होने की मन्नत मांगें और हनुमान चालिसा का पाठ करें। सभी के दुखों को दूर करने वाले हनुमान के भोग से रूके हुए कार्य अवश्य पूरे हो जाएंगे।
  • सर्व सिद्धि यंत्रः अपने घर में सर्व सिद्धि यंत्र की स्थापना और प्रतिदिन उसकी पूजा करने से अटके हुए कामकाज फिर से चल पड़ते हेंै। साथ ही इससे घर में सुख-समृद्धि आती है।
  • हरिद्रा के दानेः यदि आप कोई कारोबारी या व्यापारी हैं और इस सिलसिले में कहीं बाहर जाने वाले हैं, तो कार्यक्षेत्र में हरिद्रा के कुछ दानें मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ रख दें। इससे अगर कार्यालय के कामकाज में तेजी आएगी, तो कुछ नए अनुबंध भी बनेंगे।
  • असहाय को दानः किसी भी शनिवार को एक रुपये का सिक्का और थोड़ा सरसो का तेल किसी शरीर से असहाय व्यक्ति को दान कर दें। इससे कार्य शीघ्र पूरे हो जाते हैं।
  • मिट्टी का शेरः यदि बुधवार के दिन माता दुर्गा के मंदिर में मिट्टी के एक छोटे शेर की मूर्ति देवी दुर्गा को अर्पित किया जाए तब आपके सभी कार्य जल्द पूरे हो जाएंगे।
  • एक कटोरी चावलः यदि आपको लगता है कि आपके कामकाज में अनावश्यक बाधा आ चुकी है तो इसे दूर करने के लिए प्रत्येक बुधवार को एक कटोरी चावल किसी निर्धन व्यक्ति को दान करने से लाभ मिलता है। यह उपाय कम से कम तीन माह तक किया जाना चाहिए।
  • सुपारी की भेंटः प्रत्येक बुधवार के दिन भगवान गणेश जी को एक सुपारी भंेट करने से वे अतिप्रसन्न हो जाते हैं और कामकाज के दौरान रह गई कमी को पूरा करते हैं, जिससे इस क्षेत्र में गतिशीलता आ जाती है।